वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज :-नेताओं की सरपरस्ती ने आरके गोला को महाठग बना दिया। आरके गोला मामूली बीमा एजेंट से चिटफंड कंपनी कारोबार का सिरमौर बन गया। निवेशकों ने मुकदमे भी कराए पर नेताओं ने गिरफ्तारी नहीं होने दी। ठग आरके गोला की भाजपा के नेताओं और मंत्रियों तक अच्छी पकड़ थी। सूबे में सरकार किसी की भी रही हो उसका जलवा हमेशा रहा।
महाठग आरके गोला ने मामूली बीमा एजेंट से चिटफंड कंपनी कारोबार में बड़ा मुकाम बनाया। वह हमेशा सत्तापक्ष के साथ और नेताओं का बगलगीर रहा। गरीबों की मेहनत की कमाई ठगकर वह नेताओं की पार्टियों और रैलियों में खपाता था। यही वजह रही जो कई मुकदमों के बाद भी नेताओं की कृपा से गोला खुलेआम घूम रहा था।
गोला किसी वक्त बीमा एजेंट का काम करता था। वर्ष 2008 में उसने आईसीएल कंपनी (इमेज कैरियर लिमिटेड) की शुरुआत की और लोगों को सब्जबाग दिखाकर अपनी कंपनी में निवेश कराने लगा। एक अनुमान के मुताबिक गोला ने कंपनी में लगभग एक लाख लोगों को एजेंट के रूप में जोड़ा था।
एजेंटों ने करोड़ों रुपये कंपनी में निवेश कराए। जब लोगों के निवेश किए रुपये लौटाने की मियाद पूरी हुई तो उन्होंने इसके लिए आवेदन किया। रुपये नहीं मिलने पर लोगों ने कई बार गांधीनगर स्थित कंपनी के कार्यालय पर हंगामा किया। अब परेशान लोगों ने खुद ही आरके गोला को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया।
सरकार किसी की रही, जलवा गोला का रहा
सूबे में सरकार किसी भी पार्टी की हो, गोला का जलवा बरकरार रहता था। सपा सरकार में उसने नेताओं की सरपरस्ती से कामधेनु डेयरी का प्रोजेक्ट हासिल किया था। वहां आलीशान फार्म हाउस बनाया था जिसमें अक्सर नेता आते थे। भाजपा के नेताओं और मंत्रियों तक उसकी अच्छी पकड़ थी।
बरेली और बदायूं के दो बड़े नेताओं से उसके व्यक्तिगत संबंध रहे हैं और कई मौकों पर इनके फोटो व वीडियो वायरल होते रहे हैं। अच्छे निवेशक के तौर पर वह मुख्यमंत्री योगी के हाथों भी सम्मानित हो चुका है। गोला के खिलाफ पहले भी ठगी और धोखाधड़ी की शिकायतें हुई। दूसरे जिलों में मुकदमे लिखे गए लेकिन राजनीतिक रसूख से वह कार्रवाई से बचता रहा।
कम पढ़े-लिखे और बेरोजगारों को बनाया एजेंट
आरके गोला की कंपनी आईसीएल में कम पढ़े लिखे और बेरोजगार लोगों को जोड़ा गया। छोटे-मोटे काम करने वाले लोगों को भी एजेंट बनाकर कोट-पेंट और आईकार्ड देकर मैदान में उतारा गया। गोला खुद स्टेज शो करके एजेंटों को लोगों से निवेश कराने के पैंतरे सिखाता था। जो एजेंट जितना अधिक निवेश कराता था उसको कंपनी की तरफ से बाइक या कार उपहार में दी जाती थी। इसलिए एजेंट अपने रिश्तेदारों, पड़ोसियों व दोस्तों से रुपये निवेश कराते थे। निवेशकों को झांसा दिया जाता था कि उनकी रकम पर मोटा ब्याज दिया जाएगा।
रियल एस्टेट के बहाने जुटाई करोड़ों रुपये की संपत्ति
आरके गोला लोगों को झांसा देता था कि उसकी कंपनी निवेशकों का रुपया रियल एस्टेट कारोबार में लगाती है। बावजूद गोला इस रकम का इस्तेमाल अपने लिए कर संपत्ति खरीदने के लिए करता था। रामगंगा के पास जिस भूमि पर गोला की डेयरी है, वह जमीन भी निवेशकों की रकम से ही गोला ने खरीदी है। राजेंद्र नगर में मल्टीनीड सुपर स्टोर खोला।
इसके अलावा रामपुर के बिलासपुर में स्काई लायर कॉलोनी बनाने के नाम पर 350 बीघा जमीन खरीदी। गोला ने बोगस कंपनी बनाकर शेयर मार्केट में भी अपनी कुछ कंपनियां सूचीबद्ध कराईं। इसमें आईसीएल आर्गेनिक, बीटेसी एग्रो शामिल हैं। गोला आईसीएल मल्टीट्रेडिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को शेयर मार्केट में सूचीबद्ध कराने की तैयारी कर रहा थ, लेकिन उससे पहले ही पकड़ गया।
वर्षों से कंपनी दफ्तर के चक्कर काट रहे लोग
आईसीएल ने लाखों लोगों को निवेश करवाकर उनको चूना लगाया। गुप्ता नर्सरी गांधीपुरम के अनुज पंडित, रूबी मिश्रा, अशरफ खां छावनी के रिंकू, राजकुमार मौर्य, हार्टमैन के गुड्डी शर्मा, छावनी के राजेंद्र कुमार, मठलक्ष्मीपुर के राकेश कुमार आदि लोगों से भी ठगी की गई।
गोला और उसके साथी जितेंद्र को भेजा जेल
लोगों को करोड़ों रुपये की चपत लगाने वाले रूपकिशोर गोला और उसके साथी जितेंद्र को पुलिस ने जेल भेज दिया। कूर्मांचल नगर निवासी गोला और मढ़ीनाथ निवासी जितेंद्र कुमार को धोखाधड़ी में गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने प्रेमनगर क्षेत्र में बंद पडी़ रेलवे पटरी के पास से दोनों की गिरफ्तारी दिखाई है। गोला के खिलाफ प्रेमनगर थाने में धोखाधड़ी के चार और पीलीभीत में दो मुकदमे दर्ज है। वहीं जितेंद्र के खिलाफ प्रेमनगर थाने में एक मामला दर्ज है।
पीड़ितों की बात: तीन साल से काट रहा हूं चक्कर
-मैंने एजेंट के जरिये आईसीएल कंपनी में पचास हजार रुपये का निवेश किया था। वर्ष 2020 में मेरी पॉलिसी का समय पूरा हो गया था तब से मैं कंपनी के दफ्तर के चक्कर काट रहा हूं। सूची आज आएगी कल आएगी कहकर तीन साल से टहला रहे हैं। - राजेंद्र कुमार, अशरफ खां छावनी
रिश्तेदारों के रुपये भी जमा करा दिए
मैं आईसीएल के चेन सिस्टम से जुड़ी थी। कंपनी के लोगों ने रियल स्टेट में निवेश कराने का झांसा दिया और मेरे दो लाख रुपये निवेश करा लिए। कंपनी के लोगों के कहने पर मैंने रिश्तेदारों से भी निवेश कराया था। कंपनी ने मेरे दो लाख रुपये और रिश्तेदारों के कई लाख रुपये हड़प लिए।